Sunday, May 8, 2011

मुझे खुश होना है

मुझे  खुश  होना  है
  
ख़ुशी   में  ही  हँसना है  और  ख़ुशी  में  ही  रोना  है  
पर  मुझे  खुश  होना  है  .....

पहले  की  बात  और  थी...

खुश  होने  के  लिए  हर  चीज़  मौजूद  थी 
धुप  से  ,हवा  से  ख़ुशी  की  महक  आया  करती  थी  
खुश  होने  में  मज़ा  आता  था 
ख़ुशी  में  मन  न  जाने  कितने  गीत  गाता  था 

पर  एक  दिन एक चोर आया और सब  ले  गया  
और ....... और  मुझे  यूँही   उदास  छोड़  गया  

एक  उदास  परछाई  अब  पीछे  पीछे  चलने  लगी  है  
सहर को ,दोपहर  को  और  शाम  को  डसने  लगी  है ....

कुछ  अनोखा नहीं  रहा  ज़िन्दगी  में  
बस  एक  चुप्पी  साथ  साथ  चलने  लगी  है  

अब बहुत दिन हुए ख़ुशी को देखे हुए 
मुझे  मेरी  वो   चीज़े  कोई  तो  ला  दो , 
खुश  होने  की  मुझे  भी  तो  कोई  वजह  दो .....