Thursday, October 30, 2008

मैडम यह कब आएगा?

यु तो हमारा खबरों का था कारोबार,
पर ख़बर छोड़ कर सब कुछ से था सरोकार
टीवी चैनल चौखटा हमारा दो का ही तो था नाम,
एक दिन ख़बर आई की यादव जी पड़ गए है बीमार॥
अब यादव जी है कौन यह है बड़ा सवाल...
यादव जी थे बड़े नेता हमारे
हर तीसरे दिन बदलते थे कारे
देश के लिए कुछ करने का सोचते थे बारम बार
पर जब भी हो जाता सत्यनाश वो होजाते बीमार,
इस बार यादव जी को पड़ा था दिल का दौरा
तो हमरा बीपी भी कस के दौड़ा ...
सोच के की अब के टपक जाए और ब्रेकिंग न्यूज़ में हम भी दिख जाए
कैमरा मैन बिठा फट फट पे पहुंचे हम सवार ।
अभी तो दूकान सजाई ही थी
की यादव जी के चेले सारे , आ गए बन के यार हमारे ...
हमने भी शर्मा-शर्मी में पूछ लिया,भाई कैसा है यादव जी का हाल??
चहरे को कुछ ऊतार के बोले बस आप ही की दुआ कर सकती है कमाल

हमने उनको धन्यवाद किया और अपना पि टी सी पड़ना शुरू किया
इतने
में ही चेले साहब ने बिना झिझक के पूछ ही लिया
मैडम यह कब आएगा?
हमने कहा शाम साडे पॉँच
तो चहरे पे खुशी का आलम ही कुछ और था
उन्होंने फट से अपना फ़ोन उठाया और पत्नी जी को फ़ोन मिलाया
अरी सुनो भगवान हम होंगे टीवी पर आज शाम सादे पॉँच
दुखी सा चहरे बोला अब हम तो होगे अस्पताल
पर तुम फ़ोन कर के सब को दे देना ज्ञान..
हम अपना सा मुँह लिये जैसे तैसे हम यादव जी के कमरे में घुस ही गए
यादव जी की पत्नी बैठी थी एक कोने में
हमे देखते ही बाल बना के मुस्कुराई और बोली
आप ने आने में बड़ी देर लगायी…
सुन कर हम को लगा झटका
पर हम को तो था संभालना क्योंकि सवाल भी तो था

पूछना सवाल तो वही था …यादव जी का हाल कैसा था ??
सुनते ही यादव जी ख़ुद बोल पड़े
अब तो काफी बेहतर हु बेटा
देश का टेंशन है इसलिए यहाँ पड़ता है रहना
गाँधी नेहरू जेल गए थे देश के लिये
हम भी देशभक्ति लिए ज़िन्दगी से लड़ रहे है
हमारा हाजमा कुछ बिगड़ने लगा....
और हम ने कहा आप आराम करे , देश का नाम करे
आप को कुछ हो गया तो देश का उद्धार कौन करेगा
हम जैसे ही दरवाजे पर पहुचे यादव जी की जान में जान आई
और उन्होंने ज़ोर से आवाज़ लगायी और पूछ ही लिया

मैडम यह कब आएगा??